Saturday, 17 May 2014

क्यों किया...


           क्यों किया.....        

ये तूने क्या किया दगा,
जिसे बताया सगों से भी सगा,
उसने ही पराया कर दिया |
हम तो जा रहे थे सीधे रास्ते,
क्यों देकर आवाज बुला लिया |
हम ठीक थे गुमनाम ही,
हमे अपना क्यूँ बना लिया |
चाहकर भी हम मुड़ न सके,
क्या जादू ऐसा उस वक़्त किया |
और आज एक ही झटके मे,
बेगाना हमको बना दिया |
हम ठीक थे गुमनामी के अँधेरे मे ही,
इस झूठी रोशनी मे लाकर क्यूँ खड़ा किया |
उस वक़्त मयस्सर नही था केवल तेरा साया,
आज नही मयस्सर कोई दुआ,
जिसने पहले था बचा लिया |
ये तूने क्या किया,
ये तूने क्यों किया.....|

Thursday, 20 February 2014

123 humne teer banaye teen..


                                             123
एक दो तीन हमने तीर बनाये तीन,दो तो बने ही नही.एक मे नोंक नहीं
जिसमे नोक नही,उससे शेर मारेतीन, दो तो मरे ही नही.एक भाग गया
जो भाग गया,उसने नदियाँ लांघी तीन.दो तो सूखी पड़ी,एक मे पानी नहीं
जिसमे पानी नही,उसमे नाव तैरी तीन.दो तो टूटी पड़ी,एक मे पेंदा नहीं
जिसमे पेंदा नहीं,उसमे आदमी बैठे तीन.दो को दिखता नही,एक की आँख नहीं
जिसकी आँख नही,उसने तीर बनाये तीन,दो तो बने ही नही.एक मे नोंक नहीं.......

याद तुम्हारी


               याद  तुम्हारी 
नए साल का पहला दिन ,दो सालों के बाद,
पहला साल तुम्हारे बिन.
पूरी यादें याद की ,बिताई थी जो तुम्हारे साथ,
उस साल,उन दिन.
तुम तो चले गये,छोड़कर हमारा हाथ,
ढूँढ़ते रह गये हम कोई उम्मीद, तुम्हारे बिन.
उम्मीद दिखी भी कई जगह,पर धोखा भी था साथ,
मुश्किल होता है मिलना तुम जैसा, इन दिन.
पर जब मिलता है, तो यूँ ही नही टूटता साथ,
याद करता है तुमको हर दिन,तो पागल नही है ये दिल.
मिला भी अगर हमे कोई, इस कदर चाहने वाला,
तब भी तुम सबसे ऊपर हो क्योंकि 
अपनों मे शामिल करता है,तुम्हे हमारा दिल.
और अपनों क भुलाया नही जाता साथ,
चाहे हो कोई साल और हो कोई दिन |

रोया करता हूँ


                     रोया करता हूँ  
    अक्सर मै रोया करता हूँ,अक्सर मै रोया करता हूँ
    छोटी-छोटी बातों को लेकर,दुःख भरी यादों को लेकर,
    अक्सर मै रोया करता हूँ,अक्सर मै रोया करता हूँ
    अपनों के दुःख को लेकर,दूजों के तानों को लेकर,
    अक्सर मै रोया करता हूँ,अक्सर मै रोया करता हूँ
    कभी अकेले मे, कभी सब के सामने,
    अक्सर मै रोया करता हूँ,अक्सर मै रोया करता हूँ
    दोस्तों के मजाक को लेकर,कभी किसी की मार को लेकर,
    अक्सर मै रोया करता हूँ,अक्सर मै रोया करता हूँ
   आँखें मेरा साथ ना देती,इन आंसुओं को छिपाने मे,
    कभी-कभी तो मुझे खुद न पता,रोया मै किस बात को लेकर, 
    अक्सर मै रोया करता हूँ,अक्सर मै रोया करता हूँ
    पुरानी बातों को लेकर,यादों के बोझे को लेकर,
    अक्सर मै रोया करता हूँ,अक्सर मै रोया करता हूँ
    बोला दोस्त-ये रोना क्या,ये रोना क्या,
    ये बात बात पर रोना क्या,अरे मुझे ना पता ये रोना क्या,
    फिर भी मै रोया करता हूँ,फिर भी मै रोया करता हूँ |

Wednesday, 23 January 2013

हमारी गलती

हमारी  गलती यही निकली  

हम गैरों को अपना समझ बैठे
हमारी खुश्नसिवी यही निकली
हम ये बात समझ बैठे .
अपनों ने भी दिए तो कई झटके
लेकिन अपने तो अपने ही निकले.
प्यार मोहब्बत खेल तमाशा
बन जाती है केवल आशा
इस बात को हम समझे
यही हमारी खुश्नसिवी निकली
लेकिन गैरों से हमने बढ़ाई करीबी
यही तो हमारी बद-नसीवी निकली.
हम बहा देते हैं जरा सी बात पर आंसू
यही हमारी कमजोरी निकली,
इस कमजोरी का फायदा लोगों ने उठाया
यही हमारी बद-नसीवी निकली.

Thursday, 27 December 2012

                                            Thand(sardi)
                                           Aaj hai mausam suhana,thand badti ja rahi.

                                            hath me thituran naya, barf si jamti ja rahi.
                                          aaj man hua khane ka pakodi,maa banati ja rahi

                                        muh me gai pakodi garam, uf uf nikalti ja rahi.
                                      garm kapdon me na dikheshakal aadmi ki,

                                                    sirf dhund badti ja rahi.
                                      subah 8 baje ka samay, ghadi ki suiyan chalti ja rahi.

                                      aaj hai mausam suhana, thand badti ja rahi.

                                      bacche aa gaye hain khelne ko, ball ghoomti ja rahi.
                                    aaj catch nhi liya kisine, ranon ki raftar badti ja rahi.

                                  
                                         Aaj hai mausam suhana,thand badti ja rahi.

                                            hath me thituran naya, barf si jamti ja rahi.