Thursday, 20 February 2014

रोया करता हूँ


                     रोया करता हूँ  
    अक्सर मै रोया करता हूँ,अक्सर मै रोया करता हूँ
    छोटी-छोटी बातों को लेकर,दुःख भरी यादों को लेकर,
    अक्सर मै रोया करता हूँ,अक्सर मै रोया करता हूँ
    अपनों के दुःख को लेकर,दूजों के तानों को लेकर,
    अक्सर मै रोया करता हूँ,अक्सर मै रोया करता हूँ
    कभी अकेले मे, कभी सब के सामने,
    अक्सर मै रोया करता हूँ,अक्सर मै रोया करता हूँ
    दोस्तों के मजाक को लेकर,कभी किसी की मार को लेकर,
    अक्सर मै रोया करता हूँ,अक्सर मै रोया करता हूँ
   आँखें मेरा साथ ना देती,इन आंसुओं को छिपाने मे,
    कभी-कभी तो मुझे खुद न पता,रोया मै किस बात को लेकर, 
    अक्सर मै रोया करता हूँ,अक्सर मै रोया करता हूँ
    पुरानी बातों को लेकर,यादों के बोझे को लेकर,
    अक्सर मै रोया करता हूँ,अक्सर मै रोया करता हूँ
    बोला दोस्त-ये रोना क्या,ये रोना क्या,
    ये बात बात पर रोना क्या,अरे मुझे ना पता ये रोना क्या,
    फिर भी मै रोया करता हूँ,फिर भी मै रोया करता हूँ |

No comments:

Post a Comment