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एक दो तीन हमने तीर बनाये तीन,दो तो बने ही नही.एक मे नोंक नहीं
जिसमे नोक नही,उससे शेर मारेतीन, दो तो मरे ही नही.एक भाग गया
जो भाग गया,उसने नदियाँ लांघी तीन.दो तो सूखी पड़ी,एक मे पानी नहीं
जिसमे पानी नही,उसमे नाव तैरी तीन.दो तो टूटी पड़ी,एक मे पेंदा नहीं
जिसमे पेंदा नहीं,उसमे आदमी बैठे तीन.दो को दिखता नही,एक की आँख नहीं
जिसकी आँख नही,उसने तीर बनाये तीन,दो तो बने ही नही.एक मे नोंक नहीं.......